Company. की अभिलाषा

खुशहाल यहा पर हर जन हो । सुख शन्ति से पूरण जीवन हो ॥
सब काम करें अपना - अपना । खुद पुरा करें अपना सपना ॥
कोई हाथ यहा ना फैले अब । जन स्वावलम्बी बन जावें सब ॥
चोरी फरेब का नाम न हो । कोई भी बदनाम न हो ॥
ना कोई किसे गुमराह करें । सब सच्चे पथ के राही बनें ॥
आतंक न हो अब जीवन में । सब प्रेम भाव रखे मन में ॥
हर कोई किसी के साथ चले । हर संकट मे सब हाथ मिले ॥
ना ऊ च नीच की बात करें । एक दूजे का सम्मान करें ॥
ना जात पात की दूरी हो । ना सीमा की मजबूरी हो ॥
हमें कोई जुदा न कर पावे । सब भारत वासी कहलावें॥
मजबूर नही हम महान बनें । भारत मां की हम शान बनें ॥
पूरण होगी सबकी आशा । यह आर,सी.एम. की अभिलाषा ॥

No comments:

Post a Comment