एक बिल्कुल ही नया और आधुनिक तरीका

प्रिय बन्धुवर समय के साथ-साथ हमारे जीवन जीने का ढंग बदला है । आज हम जगलो से निकल कर चाँद पर पहुचे गये हैं , कच्चे झाड के झोपडो से आलिशान महलो पर आ गये हैं, लकडी के चुल्हों से गैस व माक्रोवेब पर आ गये हैं , पढने के लिये तख्ती और स्लेटों से कम्प्युटर पर आ गये हैं और सफर करने के लिये बैलगाडी से हवाई जहाज पर आ गये है अर्थात हमने जमाने के साथ जीवन जीने का ढग तो पूर्ण रूप से बदल लिया है पर मोबाईल , कम्पुटर व ईमेल के इस युग मे भी हमने पैसा कमाने के ढंग को नही बदला ....आओ हम सब मिलकर कुछ नया करे, इस business के माध्यम से अपने खर्चो से ईनकम करें ।
यह बिजनस अपने रोजाना के खर्चो से धन कमाने का एक बिल्कुल ही नया और आधुनिक तरीका है । मल्टीलेवल मार्केटिंग के क्षेत्र मे यह सबसे अलग है । इसका उद्देश्य और तरीका बिल्कुल अलग है । इसका उद्देश्य इतना महान है कि कोई ज्ल्दी से मानने को तैयार ही नही होता । क्योकि किसी ने जीवन में ऎसी व्यवसथा देखी ही नही जो इतने सुन्दर तरीके से जीवन को बेहत्तर बना सके । इन्सान सदियो से जिस व्यवस्था में जीता आ रहा है वह इतनी जटिल और मुश्किल हो चुकि है, स्वार्थ भावना हर इन्सान के भीतर कूट-कूट कर भर चुकी है, दुसरो का शोषण करने की भावना इतनी फैल चुकि है कि इनसान इस व्यवस्था को स्वीकार कर चुका है । जिसके परिणाम यह है कि इन्सानी रिस्तो में कटुता बढती जा रही है । किसी को भी आपस में लडवाना बहुत आसान हो गया है और आज स्थिति ऐसी बन गयी है कि इनसान को सबसे ज्यादा डर है तो ईनसान से ही है । दुनिया मे सम्रद्धि कितनी भी बढ रही हो लेकिन इन्सानियत घटति जा रही है । हम यह भी भूल चुके हैं कि जीवन में इन्सानियत का कितना मोल है । हमे धन का मोल समझ में आता है लेकिन हमे इन्सानियत और धन मे से एक को चुनना हो तो धन को ही चुनेंगे । आज हमे यह समझने की आवश्यकता है कि जीवन में इन्सानियत कितनी मुल्यवान है । यह सत्य है कि जीवन में धन कम महत्त्व की वस्तु नही है लेकिन इन्सानियत से बढकर नही । इसलिये Company ने ऎसी व्यवस्था बनाई है जो धन भी देती है लेकिन इन्सानी मुल्यों के साथ । परन्तु यह इतनी आसान सी बात है कि जल्दी किसी के गले नही उतरती । सदियो से जीते आ रहे पुराने तरीके की इतनी आदत हो चुकि है कि यह नई बात किसी को भी जल्दी से समझ में नही आती । क्योकि दुनिया मे जब भी कुछ बदलता है , जब कुछ नव निर्माण होता है तो उसे स्वीकार करने में थोडा वक्त लगता है । इस व्यवस्था को भी स्वीकार करने में थोडा वक्त लगना स्वभाविक है ।

आज लोगो ने इस व्यवस्था को स्वीकार करना शुरू कर दिया है और यह संख्या दिनों-दिन बढती जा रही है । जिसका प्रमाण है करोडों company डिस्ट्रिब्युटर्स ,देश भर मे फैले हुये हजारों company पिक अप सेन्टर्स / सौपिंग सेन्टर्स / आर.सी.एम.बाजार से लेकर company सौपिंग वन्डर वर्ल्ड , सैकडों company .त्पाद के साथ-साथ कई विश्व विख्यात कम्पनियो द्वारा company.के साथ टाई-अप ।

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